विषाणुओं का संचार:
जब आप प्लास्टिक पानी की बोतलें पुनः प्रयोग करते हैं, तो आप विषाणुओं को बढ़ावा देते हैं क्योंकि प्लास्टिक की सतह पर वे आसानी से अवस्थित हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आपके प्लास्टिक पानी की बोतलों में विषाणुओं का संचार हो सकता है, जिससे आपके स्वास्थ्य पर अनुपयोगी प्रभाव हो सकता है।
प्लास्टिक के विषाणु:
प्लास्टिक की सतह पर विषाणुओं का विकास होने के साथ-साथ, आपके प्लास्टिक पानी की बोतलों में स्वयं प्लास्टिक के अतिरिक्त रसायन भी जमा हो सकते हैं। यह विषाणुओं के संचार के साथ आपके स्वास्थ्य के लिए और अधिक हानिकारक हो सकता है।
पर्यावरण का नुकसान:
प्लास्टिक पानी की बोतलें को पुनः प्रयोग करने का मतलब प्लास्टिक की अधिक उपयोग होना है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकता है। प्लास्टिक की बोतलें अधिकांशतः एकबार प्रयोग के बाद कचरे में जाती हैं और उनका पुनः प्रयोग या रीसायक्लिंग अधिकतर नहीं होता है। इससे पर्यावरण पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
इन सभी कारणों से स्पष्ट है कि प्लास्टिक पानी की बोतलों को पुनः प्रयोग न करना हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके बजाय, हमें पानी की बोतलों को एक बार प्रयोग के बाद कचरे में डाल देना चाहिए और आधुनिक विकल्पों का उपयोग करना चाहिए जैसे कि स्टेनलेस स्टील या ग्लास की बोतलें, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अधिक उत्तम हो सकते हैं